बसंत बहारे नैनों में, सोये यौवन को जगाती है। बसंत बहारे नैनों में, सोये यौवन को जगाती है।
याद आये दादी की हाथों के सरसों के साग याद आये दादी की हाथों के सरसों के साग
ऋतु परिवर्तन जानिये ,निकट बसन्त बहार। पीली सरसों खेत में ,धरा करे श्रृंगार ऋतु परिवर्तन जानिये ,निकट बसन्त बहार। पीली सरसों खेत में ,धरा करे श्रृंगार
नई वसंत ए बहार पर कौन सा पात फिर अपना है। नई वसंत ए बहार पर कौन सा पात फिर अपना है।
रससिक्त अंतः किया फगुनफुहार आया ऋतुराज ले बसंत बहार। रससिक्त अंतः किया फगुनफुहार आया ऋतुराज ले बसंत बहार।
बसंत ऋतु का आगमन बड़ा ही मनमोहक होता, बसंत ऋतु में चारो ओर हरियाली ही होती! बसंत ऋतु का आगमन बड़ा ही मनमोहक होता, बसंत ऋतु में चारो ओर हरियाली ही होती!